दिल्ली में इस साल भी दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि बढ़ते प्रदूषण की गंभीर स्थिति और सर्दियों में बढ़ते धुएं के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों के उत्पादन, बिक्री, और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है। यह प्रतिबंध आज से लेकर 1 जनवरी तक लागू रहेगा, ताकि राजधानी की हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे से बचाया जा सके।

क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

दिल्ली हर साल दिवाली के समय खतरनाक स्तर का प्रदूषण झेलती है। दिवाली पर पटाखे फोड़ने से हवा में प्रदूषकों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है, जिससे प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो जाता है। खासकर सर्दियों में, जब तापमान कम होता है और हवा में नमी बढ़ जाती है, तो धुआं और प्रदूषक कण वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं। इससे न केवल अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों वाले लोगों की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी यह खतरे का कारण बन जाता है।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर

दिल्ली पहले से ही दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। हर साल दिवाली के दौरान, सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार 200 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं और ध्वनि प्रदूषण पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित होते हैं। यह धुआं न केवल दिल्ली के निवासियों को बीमार कर रहा है, बल्कि इसकी वजह से अस्पतालों में सांस लेने में कठिनाई और फेफड़ों की बीमारियों के मामले भी बढ़ रहे हैं।

सरकार का उद्देश्य

इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करना और जनता के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पटाखों पर बैन लगाने का यह निर्णय सभी के भले के लिए लिया गया है, ताकि लोग साफ-सुथरी और स्वास्थ्यवर्धक हवा में सांस ले सकें। इसके अलावा, अदालत के आदेशों और पर्यावरण विशेषज्ञों की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

दिल्ली सरकार ने की अपील: प्रदूषण रोकें, शिकायत करें

दिल्ली सरकार ने दिवाली के अवसर पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। मंत्री गोपाल राय ने नागरिकों से अपील की है कि यदि वे किसी भी प्रकार के पटाखों का उपयोग होते हुए देखें या प्रदूषण फैलाने वाले गतिविधियों की जानकारी मिले, तो वे तुरंत दिल्ली ग्रीन ऐप के माध्यम से इसकी शिकायत करें। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पहल के जरिए सरकार न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करना चाहती है, बल्कि लोगों की सक्रिय भागीदारी से एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है।